नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ संशोधन और निरसन विधेयकों को मंजूरी दे दी है, जिससे वक्फ संपत्तियों से जुड़े नियमों में अब अहम बदलाव देखने को मिलेंगे। राष्ट्रपति की सहमति के बाद कानून मंत्रालय ने इसकी आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी है। इन विधेयकों के माध्यम से केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड की अधिकार सीमाओं में सुधार, प्रशासनिक पारदर्शिता, और संपत्ति विवादों के समाधान में तेजी लाने का प्रयास किया है। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के बेहतर संरक्षण और प्रबंधन को सुनिश्चित करना है।
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हालांकि इस विधेयक को लेकर विपक्ष और कुछ धार्मिक संगठनों ने सवाल भी उठाए हैं, लेकिन सरकार का दावा है कि यह कदम “सुधार और समानता” की दिशा में एक बड़ा फैसला है। अब देखना होगा कि इस कानून का असर ज़मीनी स्तर पर कितना प्रभावी होता है।
वक्फ संशोधन विधेयक 2025: क्या है नया कानून और इसका असर?
- नए कानून के तहत, वक्फ बोर्ड अब किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित करने से पहले मालिकाना हक की स्पष्ट जांच करेगा, जिससे जबरन कब्जे की शिकायतों में कमी आने की उम्मीद है।
- इसके अलावा, वक्फ संपत्तियों के डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने का प्रावधान भी जोड़ा गया है, जिससे धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा रोकने में मदद मिलेगी।
- संशोधन के तहत अब वक्फ संपत्ति से जुड़े मामलों में अदालतों में दायर याचिकाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि लंबे समय से लंबित विवादों का जल्द निपटारा हो सके।
- केंद्र सरकार को वक्फ बोर्ड के कार्यों की निगरानी और हस्तक्षेप का विशेष अधिकार दिया गया है, जिससे अनियमितताओं पर तत्काल कार्रवाई संभव होगी।
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इस तारीख को पास हुआ अलग-अलग सदन में:
- यह विधेयक सबसे पहले 12 मार्च 2025 को लोकसभा में पेश किया गया था, जहाँ इस पर जोरदार बहस हुई। जिसके बाद विधेयक 18 मार्च 2025 को लोकसभा में पारित हुआ।
- इसके बाद राज्यसभा ने इसे 25 मार्च 2025 को मंजूरी दी।
- 6 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलते ही यह विधेयक कानून बन गया, और कानून मंत्रालय ने उसी दिन इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी।